Tuesday, January 4, 2011

Dil ne fir yad kiya

रफ़ी सुमन और मुकेश...धर्मेन्द्र नूतन और रहमान...फिल्म दिल ने फिर याद किया...
हम वो परवाने हैं जो शमा का दम भरते हैं...
हुस्न की आह में खामोश जला करते हैं...
आह भी निकले तो ये प्यार की रुसवाई हैं...
फिर कोई चोट महोब्बत की उभर आई हैं...
दिल ने फिर याद किया...

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